बेरंग दिल
अंदाज़
बदले तो कुछ बात
हो |
तनहा
तनहा सा दिल मेरा
बेचारा
हाल
ए दिल सुनले तो तसकीन हो |
चुप
सा रहता हूं मैं
कहता है जमाना
लिखता
हूं इसलिए शायराना |
-A Poetry by Mohamed Irfan
अंदाज़
बदले तो कुछ बात
हो |
तनहा
तनहा सा दिल मेरा
बेचारा
हाल
ए दिल सुनले तो तसकीन हो |
चुप
सा रहता हूं मैं
कहता है जमाना
लिखता
हूं इसलिए शायराना |
-A Poetry by Mohamed Irfan
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