बेरंग दिल - Hindi/Urdu Poetry

 

बेरंग दिल


जिंदगी वही है बेरंग दिल मेरा

अंदाज़ बदले तो कुछ बात हो |

 

तनहा तनहा सा दिल मेरा बेचारा

हाल दिल सुनले तो तसकीन हो |

 

चुप सा रहता हूं मैं कहता है जमाना

लिखता हूं इसलिए शायराना |


-A Poetry by Mohamed Irfan


Post a Comment

0 Comments